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Saturday 14 March 2015

गजब है मोदी सरकार, मामूली मीटिंग पर 43 लाख रु. खर्चा, 75 हजार की सजावट

फ़ाइल फोटो

खबरची। पिछले कई दशक से ही हिंदुस्तान की सरकारें गंगा की सफाई के बहाने हजारों करोड़ रुपए पानी में बहा चुकी है और आने वाले सालों में भी ये सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बड़े-बड़े वादों से गंगा और जनता को नमामि गंगे के जरिए स्वच्छता की नई उम्मीद देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्री भी गंगा की सफाई के नाम पर एक बैठक में लाखों रुपए का बंटाढार कर रहे हैं। इसी वजह से लोकसभा चुनाव में बनारस (काशी) से जीतकर प्रधानमंत्री बने मोदी का गंगा की सफाई का सपना खर्चीला साबित होने जा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि गंगा सफाई के नाम पर हुई एक मामूली बैठक पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के आधार पर सरकार ने विज्ञान भवन में स्वच्छ गंगा के लिए आयोजित राष्ट्रीय मिशन की एक बैठक पर 43.85 लाख रुपए खर्च किए। बैठक के लिए खर्च किए पैसों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं, क्योंकि बैठक के लिए आए अतिथियों की सुविधाओं पर 26.7 लाख रुपए खर्च किए गए। जबकि अधिकारियों की यात्रा पर 8.8 लाख रुपए बहा दिए गए। इसके साथ ही गंगा की सफाई के लिए प्रचार पर 5.1 लाख रुपए खर्च किए गए।

दिलचस्प है कि सरकार ने इस बैठक के लिए 75 हजार रुपए सिर्फ साज सज्जा पर खर्च किए। इसके अलावा दूसरी सुविधाओं के लिए 2.3 लाख रुपए खर्च हुए। गौरतलब है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने समेकित गंगा संरक्षण मिशन के लिए नमामि गंगे अभियान की घोषणा की है। इसके लिए केंद्रीय बजट से 2,037 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है।

सोर्स : आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद की फेसबुक स्टेटस

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