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Tuesday 4 December 2018

Bulandshahar: हथियारबंद गौआतंकियों ने ली सुबोध की जान

लखनऊ 4 दिसंबर 2018। बुलंदशहर में हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या और उत्तर प्रदेश में सिलसिलेवार हो रही घटनाओं  के विरोध में गांधी प्रतिमा, जीपीओ, लखनऊ में विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध दर्ज किया गया। मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी गठित की जाए तथा हथियारबंद गोरक्षक सेनाओं को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए। गोरक्षा के नाम पर  कल तक जो भीड़ मासूम लोगों को मार रही थी आज वह इस कदर उग्र रूप ले चुकी है कि प्रशासन और अधिकारियों को भी नहीं बख्श रही।
घटना की निंदा करते हुए रिहाई मंच अध्यक्ष मो. शुऐब ने कहा कि ‘प्रदेश ही नहीं पूरे देश को हिन्दुत्ववादी संगठन कभी गाय के नाम पर तो कभी मंदिर-मस्जिद के नाम पर सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंक रहे हैं। जिस तरह इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को मारते हुए वीडियो बनाया गया है उससे साफ है कि इस भीड़ को योगी-मोदी सरकार का राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है।  इनका मनोबल इतना बढ़ गया है कि ये पुलिस को सरेआम दौड़ा कर उनकी हत्या कर रहे हैं’।
पूर्व आई.जी. एस आर दारापुरी ने कहा कि पुलिस इंस्पेक्टर को दौड़ा-दौड़ा कर मारा जाता है ये बहुत चिंताजनक स्थिति है एक पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए गौगुंडों को रोकने का प्रयास करता है जिस कारण उसकी हत्या कर दी जाती है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मौन है। यह इसलिए कि पूरी घटना बजरंगदल, विश्व हिन्दू परिषद्, भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा कारित की गई है और योगी आदित्यनाथ खुद एक अतिवादी संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के सरगना रहे हैं। जिसके ऊपर अनेक जघन्य घटनाओं का आरोप है उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक संगठनों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह पुलिस को भी दौड़ा-दौड़ा कर गोली मार दे रहे हैं. अखलाक लिंचिंग मामले में जाँच अधिकारी रहे सुबोध कुमार सिंह की हत्या की कोशिश पहले भी एक बार की जा चुकी थी जिसमें अपराधियों को सफलता नहीं मिल पाई थी.
वक्ताओं ने कहा कि उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी शहरों के नाम बदलने में लगे हुए हैं और इधर प्रदेश की कानून व्यवस्था हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा तार-तार की जा रही है. अब तो गुंडई अपने चरम पर है। योगी जी कहते हैं कि गुण्डों को ठोंक दिया जाएगा। आज वे बताएं कि इन हिंदुत्ववादी संगठनों की गुण्डागर्दी को रोकने के लिए उन्होंने अब तक क्या किया और अब क्या करेंगे?
विरोध दर्ज कराने में मो0 शुऐब, एस. आर. दारापुरी, मीना सिंह, मधु गर्ग, नीति सक्सेना, केके शुक्ला, कमर सीतापुरी, सृजनयोगी आदियोग, राजीव ध्यानी, आरिफ भाई, शाहआलम, गुरजीत, रवीश आलम, शाहरुख़ अहमद, रॉबिन वर्मा, गुफरान सिद्दीकी, शकील कुरैशी, मुर्तजा अली, दिनकर कपूर, जरीना खुर्शीद, वीरेन्द्र गुप्ता, अतुल, सचेन्द्र प्रताप, ज्योति राय, शरद पटेल, शिल्पी चौधरी, केके वत्स, नाहिद अकील, गुफरान चौधरी, शहबाज़ मलिक, पीसी कुरील, फहीम सिद्दीकी, शिवकुमार यादव, आदिल रशीद, विवेक यादव, अनिल यादव, रफीउद्दीन, सुधा सुनंदा, सीमा राना, बाबू राम, लालमणि, एसएस हुसैन, नीलम, अजय पटेल, असद रिज़वी, राजीव यादव आदि उपस्थित रहे।