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Thursday, 8 September 2016

12 साल बाद सिद्धू ने बीजेपी से अलग राह चुनी: 50 दिन में पहली बार केजरीवाल पर साधा निशाना, कहा - भोली सूरत दिल के खोटे

चंडीगढ़. नवजोत सिंह सिद्धू ने आखिरकार 12 साल बाद बीजेपी से अलग राह लेते हुए आवाज-ए-पंजाब फोरम का एलान कर पिछले 50 दिनों से आम आदमी पार्टी में जाने की अटकलों पर विराम लगा दिया। 7 जुलाई को राज्य सभा से इस्तीफ़ा देने के बाद पहली बार केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि उनका फोरम पंजाब की सभी 117 असेम्बली सीटों पर चुनाव लड़ सकता है। हालांकि वे यह भी बोले कि अभी उनका फोरम पार्टी नहीं है और अगले 15 दिनों में वे इस पर फैसला करेंगे। पिछले 50 दिनों में पहली बार सिद्धू ने आप को कोसते हुए केजरीवाल पर कहा, 'भोली सूरत दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे।' परगट सिंह, बैंस ब्रदर्स-सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस के साथ एक घंटे चली प्रेस कॉन्फ्रेंस में अकेले सिद्धू करीब 44 मिनट तक बोलते रहे। इस दौरान बीजेपी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल पर भी निशाना साधा हालांकि बीजेपी पर उनका रुख थोड़ा नर्म दिखा। सिद्धू बोले मेरी पार्टी आप से 60 साल पुरानी...

- केजरीवाल के बारे में सिद्धू ने कहा, ''उन्होंने मीडिया को आधी बात ही बताई। मैं बात को पूरी कर देता हूं। केजरीवाल मुझे दो साल से बुला रहे थे। उनकी पार्टी दो साल पुरानी है, मेरी पार्टी 60 साल पुरानी है।''
- ''मैंने उनसे कहा था कि मुझे कुछ नहीं चाहिए। लेकिन मैं उनके मन को टटोल रहा था। जानना चाहता था कि उनका मनसूबा क्या है? पूछना चाहता था कि आखिर मुझसे चाहते क्या हो? उन्होंने कहा कि सिद्धूजी खुद इलेक्शन मत लड़ो। पत्नी को लड़ा दो, मंत्री बना देंगे।
- ''वे भी मुझे डेकोरेटिव पीस बनाकर रखना चाहते थे। लेकिन मेरे सिर पर लिखा है- Note for sale...।''

पीसी में सिद्धू के चुनिंदा बोल

-10 करोड़ पंजाबी कभी यसमैन का रोल अदा नहीं कर सकते। इसलिए मैं कहता हूं कि मुझे जलील किया गया। लोकतंत्र कभी अहंकार सहन नहीं करता।
- अच्छे लोगों को सिर्फ डेकोरेशन पीस की तरह रखो, काम निकल जाने पर मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दो।
- हमारे सामने दो एविल्स में से एक को चुनने की चुनौती है। चंदन का पेड़ अगर 100 बबूलों के बीच भी हो तो उसकी खुशबू अलग होती है।
- “आवाज-ए-पंजाब की राजनीति पंजाब को समृद्ध बनाने की है। हम इस दिशा में ही काम करेंगे। एक वक्त था जब पंजाब हर क्षेत्र में अव्वल था। आज देखिए क्या हो गया है। बेरोजगारी से निपटना है। पंजाब पर 2 लाख करोड़ का कर्ज है। ”


(प्रेस कॉन्फ्रेंस में फोरम के दूसरे नेताओं के साथ अपनी बात रखते सिद्धू)


और सिद्धू ने यह शेर भी कहा
- हुश्न का हुक्का कब का बुझ चुका, ये तो हम ही हैं जो गुड़गडाए जा रहे हैं
- तहजीब का शोर इतना, बरकत क्यों नहीं होती; तुम्हारी नियत में खराबी है
- काले बादलों को चीरकर अब सूरज निकलना चाहिए। अब यह मौसम बदलना चाहिए।

क्या आवाज-ए-पंजाब एक पार्टी है?

- सिद्धू ने इस बारे में कहा कि अभी यह पार्टी नहीं है। यह एक जैसी सोच वाले लोगों का ग्रुप है। हम 15 दिन सोचेंगे, फिर बताएंगे कि हम पार्टी हैं या नहीं, चुनाव लड़ेंगे या नहीं। हम पंजाब के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। लोगों ने हमें अच्छा रिस्पॉन्स दिया है।
- चारों जिलों में 41 विधानसभा सीटें हैं, जिन पर 'आवाज-ए-पंजाब' फ्रंट असर डाल सकता है।
- बता दें कि सिद्धू इससे पहले बीजेपी के राज्यसभा सांसद थे, लेकिन इसी साल जुलाई में इन्होंने राज्यसभा की मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया था।

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